Monday, September 19, 2016

राजकुमारी सी लड़की (Fictional Poem)

जादुई मुस्कान लिए फिरती, चुलबुली सी वो लड़की,
थोड़ी भोली, थोड़ी सयानी, वो राजकुमारी सी लड़की..
बड़ी गुनगुनी, बड़ी रिमझिम, वो प्यारी सी लड़की,
थोड़ी अल्हड़, थोड़ी पगली, वो राजकुमारी सी लड़की..

उसके प्यारे रंग के आगे फीका गोरा रंग,
अगर वो हो जाये मेरी, तो क्यों चाहू मैं किसी और का संग..
क्यों न उसे मैं अपना बनाऊ, क्यों न उस पर गीत सजाऊ,
क्यों न उम्र भर मैं उसके सब नखरे उठाऊ..

क्यों न उसे बताऊ कि वो कितनी खुबसूरत है,
क्यों न उसे बताऊ की वो खूबसूरती की मूरत है..
जब से उसे देखा है नींद भी नहीं आती मुझे,
जब से उसे देखा है कोई और सूरत भाती  नहीं मुझे..

क्यों न उसके लिए हर बंधन तोड़ दू मैं,
क्यों न उससे अटूट बंधन जोड़ लू मैं..
क्यों न उससे बिना शर्त प्यार करू मैं,
अब क्यों इस दुनिया से डरू मैं..

कोई और नहीं वैसा , कौन भला दे उसको सानी?
दिल की दयालु , बुद्धि अव्वल, अप्सराये भी मांगे पानी..